प्रेम पुजारी
प्रेम पुजारी | |
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प्रेम पुजारी का पोस्टर | |
निर्देशक | देव आनन्द |
लेखक | देव आनन्द |
निर्माता | देव आनन्द |
अभिनेता |
देव आनन्द, वहीदा रहमान, शत्रुघ्न सिन्हा, प्रेम चोपड़ा, नासिर हुसैन, मदन पुरी |
संगीतकार | एस॰ डी॰ बर्मन |
प्रदर्शन तिथि |
1970 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
प्रेम पुजारी 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन, निर्माण और लेखन का कार्य देव आनन्द ने किया है। इसमें वह स्वयं वहीदा रहमान, शत्रुघ्न सिन्हा, प्रेम चोपड़ा, मदन पुरी और उस समय अपरिचित से अमरीश पुरी के साथ मुख्य भूमिका में हैं। इसमें एस॰ डी॰ बर्मन द्वारा रचित कई लोकप्रिय गाने हैं। गाने नीरज ने लिखें थे। लेकिन यह व्यावसायिक विफलता रही थी।
संक्षेप
[संपादित करें]रामदेव बख्शी (देव आनन्द) विधुर और भारतीय सेना के पूर्व जनरल दुर्गाप्रसाद (नासिर हुसैन) का इकलौता पुत्र है, जिन्हें बहादुरी के लिए कई पदक से कई बार सम्मानित किया गया है। पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान एक पैर गंवाने के बाद, वह अपंग बन गये। रामदेव भी सेना में भर्ती होता है, लेकिन वे शांतिप्रिय है और युद्ध से नफरत करता है। उसका गाँव की सुमन मेहरा (वहीदा रहमान) से प्रेम-प्रसंग है, और दोनों जल्द ही शादी करने की उम्मीद करते हैं।
वह सेना की सक्रिय ड्यूटी में शामिल हो जाता है, लेकिन उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है और आदेशों की अवहेलना करने के कारण कोर्ट मार्शल कर दिया जाता है। शर्मनाक तरीके से छुट्टी होने के बाद, वह सुमन और अपने पिता के जीवन से गायब हो जाता है। सालों बाद, सुमन एक सौंदर्य प्रतियोगिता में प्रवेश करती है और उसे मिस इंडिया का ताज पहनाया जाता है। वह अपनी माँ के साथ ब्रिटेन जाती है, जहाँ उसकी मुलाकात रामदेव से होती है। सुमन और उसकी माँ द्वारा रामदेव के साथ बातचीत करने की सभी कोशिशें बेकार होती हैं, क्योंकि वह उन्हें पहचानने से इंकार करता है। अब वह खुद को पीटर एंड्रयूज कहता है और उसके साथ उसकी पत्नी - श्रीमती एंड्रयूज है। क्या ये वाकई रामदेव हैं? यदि नहीं, तो रामदेव को क्या हुआ है?
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- देव आनन्द — लेफ्टिनेंट रामदेव बख्शी / पीटर एंड्रयूज / यिक टॉक
- वहीदा रहमान — सुमन मेहरा
- शत्रुघ्न सिन्हा — पाकिस्तानी सेना अधिकारी
- प्रेम चोपड़ा — बिलक़िस मोहम्मद
- नासिर हुसैन — सेवानिवृत जनरल दुर्गाप्रसाद बख्शी
- मदन पुरी — चैंग
- सचिन — सुन्दर
- इफ़्तेख़ार — भारतीय सेना अधिकारी
- अनूप कुमार — ट्रक चालक
- मनमोहन — चीनी सेना अधिकारी
- राम मोहन — भारतीय सेना अधिकारी
- मुकरी — भारतीय मुसलमान
- अमरीश पुरी — जैरी
- अचला सचदेव — श्रीमती द्वारकानाथ मेहरा
- डी के सप्रू — सेना का न्यायाधीश
- सुधीर — फ्रेंकोइस
- उल्हास — टोनी
संगीत
[संपादित करें]इस फिल्म के तीन गाने सदाबहार हैं; किशोर कुमार और लता मंगेशकर द्वारा गाया गया "शोखियों में घोला जाये", किशोर कुमार द्वारा गाया गया "फूलों के रंग से" और लता मंगेशकर द्वारा गाया गया "रंगीला रे तेरे रंग में"।[1]
सभी गीत नीरज द्वारा लिखित; सारा संगीत एस॰ डी॰ बर्मन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "फूलों के रंग से" | किशोर कुमार | 5:05 |
2. | "रंगीला रे तेरे रंग में" | लता मंगेशकर | 6:17 |
3. | "शोखियों में घोला जाये" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर | 5:04 |
4. | "दूँगी तैनू रेशमी रुमाल" | लता मंगेशकर | 4:03 |
5. | "ताकत वतन की हम से है" | मन्ना डे, मोहम्मद रफी | 7:23 |
6. | "यारों नीलाम करो सुस्ती" | भूपेन्द्र सिंह, किशोर कुमार | 4:19 |
7. | "प्रेम के पुजारी हम हैं" | एस॰ डी॰ बर्मन | 4:23 |
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "नीरज के लिखे 10 सदाबहार फिल्मी गाने, आज भी चाव से सुनते हैं लोग". आज तक. 20 जुलाई 2018. अभिगमन तिथि 15 मार्च 2019.